आज राजधानी में जुटेंगे तहसीलदार, निर्वाचन बाद बनाएंगे आगे की रणनीति
भोपाल। जबलपुर मामले को लेकर प्रदेश के तहसीलदार हड़ताल से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। शनिवार को वे काम पर नहीं लौटे। इनकी एक ही मांग है कि हमारे साथी पर जो प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है, उसे वापस लियाा जाए। हालांकि शनिवार को अवकाश था, लेकिन काम की अधिकता के कारण कई मामलों में तहसीलदार को कार्यालय में रहना पड़ता है, लेकिन यह नहीं पहुंचे। इस हड़ताल में एसएलआर (सुप्रीटेन्डेंट ऑफ लैंड रिकार्ड) यान भू-अभिलेख अधीक्षक भी शामिल हैं। इसके साथ ही पटवारियों ने भी इन्हें अपना नैतिक समर्थन दिया है।
मप्र तहसीलदार संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंकज तिवारी ने बताया कि जबलपुर में एसडीएम द्वारा तहसीलदार पर जो प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उसका कोई विधान ही नहीं है। इसी को लेकर हमारी दो दिन से काम बंद हड़ताल चल रही है। उन्होंने बताया कि रविवार को प्रदेश भर के तहसीलदार राजधानी में जुट रहे हैं। भोपाल के प्रशासन अकादमी में सबसे पहले तहसीलदारों का सम्मेलन होगा। इसके ठीक बाद संघ के निर्वाचन कराये जाएंगे। फिर जबलपुर मामले को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। क्योंकि एक ही मांग है कि जबलपुर में तहसीलदार पर हुई प्राथमिकी वापस ली जानी चाहिए। अन्यथा बड़ा आंदोलन हो सकता है। जानकारी के अनुसार तहसीलदार सोमवार से काम पर लौटें। इसके लिए शासन स्तर पर प्रयास हो रहे हैं। क्योंकि इनकी हड़ताल से तहसीलों में अनेक जन समस्या संबंधित काम प्रभावित हो रहे हैं।काम पर लौटे पटवारी : इधर दो दिन की हड़ताल के बाद पटवारी काम पर लौट आए हैं। मप्र पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र बघेल ने बताया कि समयमान वेतनमान, हड़ताल अवधि के वेतन को लेकर हम आंदोलन पर गये थे। शासन का मांगों के प्रति सकारात्मक रवैया देखा गया है। कमिश्नर लैंड रिकार्ड (सीएलआर) से इस संबंध में बातचीत चल रही है। उपेन्द्र ने बताया कि तहसीलदारों की हड़ताल को संघ ने अपना नैतिक समर्थन दिया है।
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