टिमरनी। सरस्वती शिशु मंदिर टिमरनी में 5 जून से 13 जून तक आयोजित हो रहे नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का आज उद्घाटन सत्र शुरू हुआ । इस कार्यक्रम में पधारे अतिथियों ने वीणापाणि मां सरस्वती, प्रणवाक्षर ॐ एवं मां भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया । शिक्षा का व्यवसायीकरण वर्तमान में एक बहुत बड़ी चुनौती है यह बात वर्ग के मुख्य वक्ता एवं विद्या प्रतिष्ठान मध्य प्रदेश भोपाल के प्रांतीय उपाध्यक्ष तथा माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के निर्देशक डॉक्टर आशीष जोशी ने कही ।
उन्होंने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि नई शिक्षा नीति(NEP) में भारत सरकार ने भारतीय शिक्षा का समावेश किया है जो की हमारी संस्कृति को संरक्षण देती है उन्होंने कहा कि शिशु की प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही दी जाना चाहिए। उन्होंने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि वर्तमान में सभी लोग ज्ञान की बजाय प्रतिशत की दौड़ में लगे हुए हैं । जबकि वास्तव में शिक्षा एक पाठ्यक्रम नहीं बल्कि पीढ़ियां गढने का कार्य है ।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में संदीप केकरे, जिला प्रतिनिधि एवं प्रांत कार्यकारिणी सदस्य हरदा सहित नर्मदापुरम विभाग के विभाग सामन्वयक सौरभ उपाध्याय, वर्ग संयोजक अशोक दुबे प्राचार्य सोहागपुर, वर्ग प्रबंधक बसंत पटेल प्राचार्य टिमरनी, शिक्षण प्रमुख नर्मदा प्रसाद मालवीय प्राचार्य इटारसी, बौद्धिक प्रमुख , वीरेंद्र सकल्ले हरदा , आईसीटी प्रमुख श्री शुभम चौहान प्राचार्य नर्मदापुरम, शिक्षक बबीता सेवारिक हरदा, प्रतिभा दीक्षित, प्राचार्य नर्मदा पुरम,शारीरिक प्रमुख शिवकुमार शर्मा हरदा, वंदना यादव हरदा, मुख्य शिक्षक संतोष कुशवाहा,अभिलाषा चंदेल टिमरनी उपस्थित रहे।