कृषि विभाग के दल ने किया सोयाबीन फसलों का निरीक्षण, फसलों को इल्ली से बचाव के लिये किसानों को दी सलाह

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हरदा
। आज शुक्रवार को शासकीय कृषि प्रक्षेत्र पानतलाई, ग्राम सोहागपुर, पानतलाई, मनियाखेड़ी, छिदगांव तमोली, दूधकच्छ के किसानों के खेतों का उपसंचालक कृषि संजय यादव, विकासखण्ड तकनीकी प्रबंधक आत्मा डॉ. श्रीचन्द जाट एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक आत्मा श्री अनिल कुमार मलगायां ने भ्रमण किया। इस दौरान उन्होने ‘‘आत्मा‘‘ परियोजना के प्रदर्शन से संबंधित किसानों की सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया। 

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उपसंचालक कृषि श्री यादव ने फसल में चने की इल्ली के नियंत्रण के लिए इंडोक्साकार्ब 15.80 प्रतिशत ई.सी. 333 मि.ली. हेक्टेयर या इमामेक्टिन बेंजोएट 01.90 प्रतिशत ई.सी. 425 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या नोवाल्युरोन 05.25 प्रतिशत + इन्डोक्साकार्ब 04.50 प्रतिशत एस.सी. 825-875 मि.मी. प्रति हेक्टेयर, 15.80 प्रतिशत ई.सी. 333 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या फ्लुबेंडियामाइड 39.35 एस.सी. 150 एम.एल. का छिड़काव करने की सलाह दी है। उन्होने 100 दिवस से अधिक समय की फसल में चक्र भ्रंग नियंत्रण के लिए थायोक्लोप्रिड 21.17 प्रतिशत ई.सी. 750 मि.मी. प्रति हेक्टेयर या प्रोफेनोफास 50 प्रतिशत ई.सी. 1 लीटर प्रति हेक्टेयर या टेट्रानिलिप्रोल 18.18 प्रतिशत 250-300 मि.ली. प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करने की सलाह दी है। उन्होने तना मक्खी के नियंत्रण के लिए थायोमेथोक्साम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 125 मि.ली. प्रति हेक्टेयर या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड 350 मि.ली. प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करने की सलाह दी है।

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