अवैध रेत की चोरी करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 1 साल के कारावास की सजा
लोकमतचक्र डॉट कॉम।
भोपाल। मध्यप्रदेश में अवैध रेत चोरी बड़ते मामलों एवं नदियों का सीना चीर कर खनन करने से बिगड़ते पर्यावरण के बीच आज जिला न्यायालय उमरिया ने एक अच्छा फैसला सुनाया है जिसमें रेत की चोरी कर अवैध परिवहन करने वाले आरोपी को 01 वर्ष का कारावास एवं डम्फर मालिक को जुर्माना लगाया है । प्रदेश में अवैध रेत का कारोबार लगातार अभी भी चल रहा है लेकिन ऐसा नहीं है कि यह अभी से ही चल रहा है बल्कि कई वर्षों से यह लगातार चोरी की परंपरा चली आ रही है। लेकिन न्यायालय ने अब हम फैसला देना शुरू कर दिया है जहां चोरी के आरोप में अब लोगों को सिर्फ जुर्माना ही नहीं भरना पड़ता है बल्कि सजा का भी प्रावधान हो गया है। जहां आज एक फैसले के दौरान उमरिया जिला न्यायालय ने 1 साल की सजा से एक व्यक्ति को दंडित कर दिया है।
वही मीडिया प्रभारी अभियोजन अधिकारी नीरज पाण्डेय द्वारा बताया गया कि दिनांक 14.09.2016 को पुलिस थाना कोतवाली उमरिया में पदस्थ प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र सिंह को मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई ग्राम बडेरी में अवैध रेत उत्खन्न एवं परिवहन हो रहा है। उक्त सूचना की तस्दीक हेतु प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र सिंह आरक्षक राजेश सौधिंया एवं साक्षी महेन्द्र सिंह को हमराह लेकर ग्राम बडेरी पहुंचा जहां घंघरी के पास एक सफेद नीले रंग का डम्फर क्रमांक एम0पी052एच-0170 रेत लोड कर उमरिया की ओर आते हुये दिखा। जिसे रोककर डम्फर चालक से उसका नाम पता पूछा गया तो उसने अपना नाम शिवकुमार सिंह पिता गुलजार सिंह निवासी ग्राम अमहा का होना बताया एवं विनय सिंह को उक्त वाहन का मालिक होना बताया।
जहा उक्त चालक अभियुक्त शिवकुमार से वाहन में लोड रेत के संबंध में दस्तावेज टी.पी. मांगे जाने पर उसके द्वारा कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए और वाहन मालिक विनय सिंह के कहने पर ग्राम बड़ेरी से रेत उत्खन्न कर चोरी कर शहपुरा ले जाना बताया गया। तब मौके पर अभियुक्त शिवकुमार से गवाहों के समक्ष पचनामा तैयार कर उक्त 6 चका वाहन डम्फर क्रमांक एम0पी052एच-0170 को मय रेत तथा 8 नग लोहे के तसला, 4 नग फावड़ा जप्त किया गया और अभियुक्त शिवकुमार को गिरफ्तार कर थाना कोतवाली उमरिया में अपराध क्रमांक 460/2016 अंतर्गत धारा 379 भा०द०सं० एवं खनिज अधिनियम की धारा 4/21 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई।
प्रकरण विवेचना में लिया गया विवेचना के दौरान वाहन का रजिस्ट्रेशन और परमिट के दस्तावेज नहीं पाये जाने पर अभियुक्त चालक शिवकुमार व मालिक विनय सिंह के विरुद्ध भा०दं०स० की धारा 379 एवं खनिज अधिनियम की धारा 4/21 तथा मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 66/192 (क) व 130 (3)/177 ख के अंतर्गत अभियोग पत्र निराकरण हेतु न्यायालय में पेश किया गया।
अभियोजन की ओर से सशक्त पैरवी एडीपीओ श्री नीरज पाण्डेय द्वारा किया गया। अभियोजन ने प्रकरण में भा०द०सं० की धारा 379 एवं मोटरयान अधिनियम की धारा 66/192 (क) का अपराध संदेह से परे प्रमाणित किया एवं आरोपीगण शिवकुमार एवं विनय सिंह बघेल को माननीय न्यायालय से उपर्युक्त धाराओं में अधिकतम दण्ड देने का निवेदन किया गया।
उक्त प्रकरण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उमरिया श्रीमती वर्षा सिंह भाटी द्वारा अभियुक्त शिवकुमार को भा०द०सं० की धारा 379 के अधीन दण्डनीय अपराध में दोषसिद्धि किया जाकर 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं अभियुक्त विनय सिंह बघेल को मोटरयान अधिनियम की धारा 66/192 (क) में 2,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
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